भारत के सभी प्रधानमंत्रियों की सूची (1947-2025)। यहां भारत के सभी प्रधानमंत्रियों की सूची, उनके कार्यकाल, उपलब्धियों, घोटालों और चुनौतियों के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गई है। प्रत्येक प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान लिए गए प्रमुख निर्णयों, आर्थिक और सामाजिक सुधारों, राष्ट्रीय प्रगति और प्रशासनिक विफलताओं के बारे में वर्णन किया गया है। पंडित नेहरू से लेकर नरेंद्र मोदी तक के कार्यकाल के विश्लेषण सहित स्वतंत्रता के बाद से भारत के नेतृत्व की पूरी जानकारी दी गई है। आईए जानते हैं।
1. पंडित जवाहरलाल नेहरू
- कार्यकाल: 15 अगस्त 1947 – 27 मई 1964
- पार्टी: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- चुनाव क्षेत्र: फूलपुर (उत्तर प्रदेश)
- जन्म स्थान: इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
- शिक्षा: हाररो स्कूल, ईटन कॉलेज, ट्रिनिटी कॉलेज (कैम्ब्रिज), इनर टेम्पल (लंदन)
प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के शासन काल में उपलब्धियाँ
— योजना आयोग की स्थापना और पंचवर्षीय योजनाओं की शुरुआत।
— भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL), स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL) और आयल एंड नेचुरल गैस कारपोरेशन (ONGC) की स्थापना करके औद्योगीकरण को बढ़ावा दिया।
– आईआईटी (IIT), आईआईएम (IIM) और एम्स (AIMS) की स्थापना करके उच्च शिक्षा और चिकित्सा क्षेत्र को मजबूत किया।
– भाखड़ा नांगल बांध और हीराकुंड बांध का निर्माण किया, जिससे सिंचाई और बिजली उत्पादन को बढ़ावा मिला।
– भारत का पहला परमाणु अनुसंधान केंद्र स्थापित किया, जिससे विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उन्नति हुई।
प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के शासन काल में नुकसान
– भारत को 1962 के भारत-चीन युद्ध में हार का सामना करना पड़ा।
– कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में ले जाया गया, जिससे यह एक अंतरराष्ट्रीय विवाद बन गया।
– लाइसेंस राज की शुरुआत की, जिससे सरकारी नियंत्रण बढ़ा और निजी उद्योगों के विकास में बाधा उत्पन्न हुई।
2. गुलजारीलाल नंदा (कार्यवाहक)
- कार्यकाल: 27 मई 1964 – 9 जून 1964
- पार्टी: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- चुनाव क्षेत्र: अहमदाबाद (गुजरात)
- जन्म स्थान: सियालकोट, पंजाब (अब पाकिस्तान)
- शिक्षा: इलाहाबाद विश्वविद्यालय
प्रधानमंत्री गुलजारीलाल नंदा के शासन काल में उपलब्धियाँ
– सत्ता का सुचारू हस्तांतरण सुनिश्चित किया, जिससे राजनीतिक स्थिरता बनी रही।
– श्रम कल्याण नीतियों (Labour welfare policies) को आगे बढ़ाया, जिससे श्रमिक वर्ग को लाभ हुआ।
प्रधानमंत्री गुलजारीलाल नंदा के शासन काल में नुकसान
– कोई बड़ा निर्णय नहीं लिया जा सका, जिससे शासन में कोई महत्वपूर्ण सुधार या बड़ी प्रगति नहीं हुई।
3. लाल बहादुर शास्त्री
- कार्यकाल: 9 जून 1964 – 11 जनवरी 1966
- पार्टी: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- चुनाव क्षेत्र: इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश)
- जन्म स्थान: मुगलसराय, उत्तर प्रदेश
- शिक्षा: काशी विद्यापीठ, वाराणसी
प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के शासन काल में उपलब्धियाँ
– ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा देकर कृषि और सेना को मजबूत किया।
– हरित क्रांति (Green Revolution) और श्वेत क्रांति (White Revolution) को बढ़ावा दिया, जिससे कृषि उत्पादन और दूध उत्पादन में वृद्धि हुई।
– 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारत की जीत सुनिश्चित की।
– ताशकंद समझौता किया, जिससे युद्ध समाप्त हुआ और शांति स्थापित हुई।
प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के शासन काल में नुकसान
– ताशकंद समझौते के तुरंत बाद उनकी मृत्यु से शासन की स्थिरता प्रभावित हुई और विकास कार्य प्रभावित हुए।
5. इंदिरा गांधी
- कार्यकाल:
- – 24 जनवरी 1966 – 24 मार्च 1977
- – 14 जनवरी 1980 – 31 अक्टूबर 1984
- पार्टी: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- चुनाव क्षेत्र: रायबरेली, अमेठी (उत्तर प्रदेश)
- जन्म स्थान: इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
- शिक्षा: विश्वभारती विश्वविद्यालय, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय
प्रधानमंत्री गुलजारीलाल नंदा के शासन काल में उपलब्धियाँ
– बैंकों का राष्ट्रीयकरण (1969), जिससे आर्थिक नियंत्रण सरकार के हाथों में आ गया।
– भारत-पाकिस्तान युद्ध (1971) जीता और बांग्लादेश बनाया।
– भारत का पहला परमाणु परीक्षण (1974) – ‘स्माइलिंग बुद्धा’ पोखरण में सफलतापूर्वक किया गया।
– ‘गरीबी हटाओ’ योजना शुरू की, जिसने सामाजिक और आर्थिक सुधारों को बढ़ावा दिया।
प्रधानमंत्री गुलजारीलाल नंदा के शासन काल में उपलब्धियाँ नुकसान
– आपातकाल लगाया (1975-77), जिसने लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन किया।
– ऑपरेशन ब्लू स्टार (OBS) (1984) के कारण सिख विरोधी दंगे हुए, जिससे देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया।
6. मोरारजी देसाई
- कार्यकाल: 24 मार्च 1977 – 28 जुलाई 1979
- पार्टी: जनता पार्टी
- चुनाव क्षेत्र: सूरत (गुजरात)
- जन्म स्थान: भदेली, गुजरात
- शिक्षा: एल्फिंस्टन कॉलेज, मुंबई
प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के शासन काल में उपलब्धियाँ
– प्रेस की स्वतंत्रता बहाल की, जिससे लोकतंत्र मजबूत हुआ।
– अनुशासन और पारदर्शिता पर जोर दिया, जिससे प्रशासन में ईमानदारी बढ़ी।
– सूचना के अधिकार (RTI) की नींव रखी, जिससे जनता को सरकारी काम में पारदर्शिता मिली।
प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के शासन काल में नुकसान
– परमाणु नीति में बदलाव से रक्षा क्षेत्र प्रभावित हुआ और भारत के परमाणु कार्यक्रम की गति धीमी हो गई।
7. चरण सिंह
- कार्यकाल: 28 जुलाई 1979 – 14 जनवरी 1980
- पार्टी: जनता पार्टी (सेक्युलर)
- चुनाव क्षेत्र: बागपत (उत्तर प्रदेश)
- जन्म स्थान: नूरपुर, उत्तर प्रदेश
- शिक्षा: आगरा विश्वविद्यालय
प्रधानमंत्री चरण सिंह के शासन काल में उपलब्धियाँ
– किसानों के लिए नई योजनाएँ लागू कीं, जिससे कृषि क्षेत्र को बढ़ावा मिला।
– उत्तर प्रदेश में 1954 में भूमि संरक्षण अधिनियम लागू किया, जिससे किसानों को भूमि सुरक्षा मिली।
– उनके जन्मदिन (23 दिसंबर) को ‘राष्ट्रीय किसान दिवस’ के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई।
प्रधानमंत्री चरण सिंह के शासन काल में नुकसान
– कोई बड़ा सुधार नहीं कर पाए, क्योंकि सरकार का कार्यकाल बहुत छोटा था।
– सरकार अल्पमत में आ गई, जिससे उनकी नीतियों को प्रभावी ढंग से लागू करने का अवसर नहीं मिला।
8. राजीव गांधी
- कार्यकाल: 31 अक्टूबर 1984 – 2 दिसंबर 1989
- पार्टी: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- चुनाव क्षेत्र: अमेठी (उत्तर प्रदेश)
- जन्म स्थान: मुंबई, महाराष्ट्र
- शिक्षा: ट्रिनिटी कॉलेज (कैम्ब्रिज), इंपीरियल कॉलेज (लंदन)
प्रधानमंत्री राजीव गांधी के शासन काल में उपलब्धियाँ
– भारत में डिजिटल युग की नींव रखते हुए IT (सूचना प्रौद्योगिकी) और दूरसंचार क्रांति की शुरुआत की।
– आदिवासी शासन और शिक्षा सुधारों को लागू किया और हाशिए पर पड़े समुदायों को सशक्त बनाया।
– ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देते हुए नवोदय विद्यालय योजना शुरू की।
प्रधानमंत्री राजीव गांधी के शासन काल में नुकसान
– शाह बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया, जिससे न्यायिक स्वतंत्रता पर सवाल उठे।
– बोफोर्स घोटाले में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए और छवि खराब हुई।
– भारतीय सेना (IPKF) को श्रीलंका भेजा, जिससे तमिल विद्रोहियों और भारतीय सेना के बीच टकराव हुआ।
9. विश्वनाथ प्रताप सिंह
- कार्यकाल: 2 दिसंबर 1989 – 10 नवंबर 1990
- पार्टी: जनता दल
- चुनाव क्षेत्र: इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश)
- जन्म स्थान: इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
- शिक्षा: प्रयागराज विश्वविद्यालय
प्रधानमंत्रीविश्वनाथ प्रताप सिंह के शासन काल में उपलब्धियाँ
– मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू किया, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27% आरक्षण प्रदान किया।
प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह के शासन काल में नुकसान
– मंडल आयोग के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और हिंसा हुई, जिससे सामाजिक अस्थिरता पैदा हुई।
– सरकार निष्क्रिय रही, जिससे राजनीतिक अस्थिरता पैदा हुई और उनका कार्यकाल छोटा रहा।
10. चंद्रशेखर
- कार्यकाल: 10 नवंबर 1990 – 21 जून 1991
- पार्टी: समाजवादी जनता पार्टी
- चुनाव क्षेत्र: बलिया (उत्तर प्रदेश)
- जन्म स्थान: बलिया, उत्तर प्रदेश
- शिक्षा: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के शासन काल में उपलब्धियां
– आर्थिक संकट को नियंत्रित करने के प्रयास किए गए, जिससे देश की अर्थव्यवस्था में स्थिरता आई।
प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के शासन काल में नुकसान
– भारत का सोना गिरवी रखना पड़ा, जिससे देश की आर्थिक स्थिति कमजोर नजर आई।
– अल्पमत सरकार के कारण बड़े फैसले नहीं लिए जा सके, जिससे नीतिगत स्थिरता नहीं बनी।
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11. पी. वी. नरसिम्हा राव
- कार्यकाल: 21 जून 1991 – 16 मई 1996
- पार्टी: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- चुनाव क्षेत्र: नांदेड़ (महाराष्ट्र)
- जन्म स्थान: वारंगल, तेलंगाना
- शिक्षा: उस्मानिया विश्वविद्यालय
प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव के शासन काल में उपलब्धियाँ
– आर्थिक उदारीकरण (LPG सुधार – उदारीकरण, निजीकरण, वैश्वीकरण) को लागू किया, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक बाजार तक पहुँच मिली।
– शेयर बाजार सुधार शुरू किए, जिससे पूंजी बाजार मजबूत हुआ और निवेश बढ़ा।
– भारत के परमाणु कार्यक्रम को बढ़ावा दिया, जिससे भविष्य में परमाणु परीक्षणों का मार्ग प्रशस्त हुआ।
प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव के शासन काल में नुकसान
– बाबरी मस्जिद विध्वंस (1992) के दौरान सरकार निष्क्रिय रही, जिससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ा।
– झारखंड मुक्ति मोर्चा रिश्वत कांड जैसे भ्रष्टाचार घोटालों ने सरकार की छवि को धूमिल किया।
12. अटल बिहारी वाजपेयी
- कार्यकाल: 16 मई 1996 – 1 जून 1996
- – 19 मार्च 1998 – 22 मई 2004
- पार्टी: भारतीय जनता पार्टी
- चुनाव क्षेत्र: लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
- जन्म स्थान: ग्वालियर, मध्य प्रदेश
- शिक्षा: ग्वालियर कॉलेज, कानपुर विश्वविद्यालय
प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शासन काल में उपलब्धियाँ
– पोखरण परमाणु परीक्षण (PNT) (1998) करके भारत को परमाणु शक्ति बनाया।
– स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क परियोजना शुरू की, जिससे देश में आधुनिक राजमार्गों का विकास हुआ।
– कारगिल युद्ध (1999) में भारत को विजय दिलाई और सैन्य शक्ति को मजबूत किया।
– Telecommunications और IT क्षेत्र को बढ़ावा दिया, जिससे भारत प्रौद्योगिकी हब बन गया।
प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शासन काल में नुकसान
– कंधार विमान अपहरण (1999) के दौरान सरकार को आतंकवादियों को छोड़ना पड़ा।
– संसद पर हमला (2001) हुआ, जिससे देश की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे।
13. एच. डी. देवगौड़ा
- कार्यकाल: 1 जून 1996 – 21 अप्रैल 1997
- पार्टी: जनता दल
- चुनाव क्षेत्र: हसन (कर्नाटक)
- जन्म स्थान: हरदनहल्ली, कर्नाटक
- शिक्षा: सिविल इंजीनियरिंग, मैसूर विश्वविद्यालय
प्रधानमंत्री एच. डी. देवगौड़ा के शासन काल में उपलब्धियाँ
– कृषि और ग्रामीण विकास पर जोर, जिससे किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए योजनाएँ बनीं।
प्रधानमंत्री एच. डी. देवगौड़ा के शासन काल में नुकसान
– सरकार अस्थिर रही, जिसके कारण कोई बड़ा सुधार या नीतिगत बदलाव नहीं हो सका।
14. इंद्र कुमार गुजराल
- कार्यकाल: 21 अप्रैल 1997 – 19 मार्च 1998
- पार्टी: जनता दल
- चुनाव क्षेत्र: जालंधर (पंजाब)
- जन्म स्थान: झेलम, पाकिस्तान
- शिक्षा: पंजाब विश्वविद्यालय
प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल के शासन काल में उपलब्धियाँ
– “गुजराल सिद्धांत” लागू किया, जिससे पड़ोसी देशों (पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका) के साथ कूटनीतिक संबंध बेहतर हुए।
प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल के शासन काल में नुकसान
– सरकार अल्पमत में थी, इसलिए कोई बड़ा निर्णय नहीं लिया जा सका और कार्यकाल छोटा रहा।
15. डॉ. मनमोहन सिंह
- कार्यकाल: 22 मई 2004 – 26 मई 2014
- पार्टी: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- चुनाव क्षेत्र: असम (राज्यसभा)
- जन्म स्थान: गाह, पाकिस्तान
- शिक्षा: पंजाब विश्वविद्यालय, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, कैंब्रिज विश्वविद्यालय
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के शासन काल में उपलब्धियाँ
– महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) शुरू किया, जिससे ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा मिला।
– सूचना का अधिकार (RTI) कानून बनाया, जिससे सरकारी काम में पारदर्शिता आई।
– भारत-अमेरिका परमाणु समझौते (2008) पर हस्ताक्षर किए, जिससे भारत को असैन्य परमाणु ऊर्जा सहयोग में मदद मिली।
– आधार कार्ड योजना शुरू की, जिससे नागरिकों की डिजिटल पहचान संभव हुई।
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के शासन काल में नुकसान
– 2G घोटाला, कॉमनवेल्थ घोटाला और कोयला घोटाला जैसे बड़े भ्रष्टाचार घोटाले सामने आए।
– नक्सलवाद और आतंकवादी हमलों में वृद्धि, जिनमें से मुंबई हमला (2008) सबसे गंभीर था।
16. नरेंद्र मोदी
- कार्यकाल: 26 मई 2014 – वर्तमान
- पार्टी: भारतीय जनता पार्टी
- चुनाव क्षेत्र: वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
- जन्म स्थान: वडनगर, गुजरात
- शिक्षा: गुजरात विश्वविद्यालय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन काल में उपलब्धियाँ
– GST (वस्तु एवं सेवा कर) लागू किया, जिससे कर प्रणाली सरल हुई।
– अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन किया, केंद्र शासित प्रदेश बनाए।
– सर्जिकल स्ट्राइक (2016) और एयर स्ट्राइक (2019) करके राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत किया।
– स्वच्छ भारत, उज्ज्वला, डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया जैसी योजनाएँ शुरू कीं, जिससे विकास को बढ़ावा मिला।
– आयुष्मान भारत योजना लागू की, जिससे करोड़ों गरीबों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवा मिली।
– COVID-19 टीकाकरण अभियान में भारत को विश्व में अग्रणी बनाया।
– चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 मिशन के साथ अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन काल में नुकसान
– नोटबंदी (2016) के कारण असंगठित क्षेत्र को नुकसान हुआ, जिससे छोटे व्यापारी प्रभावित हुए।
– GST लागू करने में शुरुआती कठिनाइयाँ आईं, जिससे व्यापारियों और उद्योगों को परेशानी हुई।
– पुलवामा हमले में सेना के कई जवान शहीद हो गए थे
– कृषि कानूनों के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके कारण सरकार को कानून वापस लेने पड़े।
हर प्रधानमंत्री के कार्यकाल में कुछ भ्रष्टाचार और क्षति देखी गई, जिनमें से कुछ अधूरी थीं और कुछ गैर-सरकारी विफलताएं या नीतिगत विफलताएं थीं। भारत-चीन युद्ध, बोफोर्स, 2जी स्पेक्ट्रम, कोयला खदान, मोनिका और कोविड-19 जैसी घटनाओं ने देश को प्रभावित किया। हालांकि, इन संकटों से भारत आगे बढ़ा। सुधारवादी सिद्धांतों, आर्थिक सुधारों और तकनीकी उन्नति के ढांचे और संरचना की बाकी जरूरत अभी भी बनी हुई है। देश को आगे ले जाने के लिए कुशल और ईमानदार प्रशासन का नेतृत्व हमेशा बना रहना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी तबाही और क्षति न हो।
नोट:- इनमें से आपको कौन सबसे अच्छा प्रधानमंत्री लगता है, किसने सबसे ज्यादा अच्छे काम किए हैं और किसने बहुत घोटाले किए हैं, इसका वर्णन आप अपने शब्दों में जरूर बताएं।
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