Our View and Justice for Sharmistha Panoli – Margret Villain

Sharmistha Panoli -

We believe Sharmistha Panoli has not committed any major crime and hence she should not have been arrested. She was simply sharing her views on a social issue. She did not insult any religion or caste. In India, our constitution gives every citizen the right to freedom of expression. Sharmistha exercised this right by sharing … Read more

किन्नर समुदाय: शव यात्रा रात में क्यों, क्यों नहीं देखना चाहिए आम इंसान को। जानें संपूर्ण रहस्य

किन्नर समाज

यह लेख केवल ज्ञान और समझ के उद्देश्य से लिखा गया है। हमारा उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं या समुदाय की प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाना नहीं है। किन्नर समुदाय का समाज में एक विशेष स्थान है और उनके रीति-रिवाज, परंपराएँ और जीवनशैली हमारे लिए जिज्ञासा का विषय हो सकती है। इसलिए, इस लेख में हम … Read more

समझदार लोग ही रिश्तें बचाते हैं, चाहे वो शिक्षित हो या अनपढ़। जाने कैसे

समझदार लोग

रिश्ते हर व्यक्ति के जीवन की सबसे महत्वपूर्ण संपत्ति होते हैं। जो हमें ताकत, पहचान और गहरा भावपूर्ण सहारा देते हैं। लेकिन इन रिश्तों को निभाना और बचाना आसान नहीं है। लेकिन इसके लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है समझदारी की। समझदारी किसी डिग्री से नहीं, बल्कि अनुभव और इंसानियत से आती है, जो रिश्ते … Read more

मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ, जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाए…

धर्म

यह लेख डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों पर आधारित है। वे ऐसे धर्म में विश्वास करते थे जो मनुष्य को स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे का मार्ग दिखाता हो। धर्म का उद्देश्य किसी को नीचा दिखाना नहीं, बल्कि सभी को सम्मान और न्याय देना होना चाहिए। यह लेख धर्म की सही समझ और अंबेडकर जी की … Read more

वक्फ एक्ट के खिलाफ मुर्शिदाबाद में फ़िर हिंसा, क्या खत्म होंगी समस्याएं?

वक्फ एक्ट

मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल – पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में शुक्रवार को स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई, जब वक्फ एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन अचानक हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने न केवल निमटीटा रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों पर पथराव किया, बल्कि स्टेशन पर तोड़फोड़ और आगजनी भी की। इस हिंसा के कारण कई ट्रेनों का मार्ग … Read more

शिक्षा जरूरी या संस्कार? दादा दादी की आत्महत्या ने उठाए सवाल

दादा दादी की आत्महत्या

आज के आधुनिक युग में जहाँ हम शिक्षा, तकनीक और विकास की ऊंचाइयों को छू रहे हैं, वहीं नैतिकता, मूल्य और संस्कृति धीरे-धीरे समाज से लुप्त होती जा रही है। “शिक्षा महत्वपूर्ण है या संस्कृति?” – यह प्रश्न आज के समय में और भी प्रासंगिक हो गया है, जब हम ऐसी खबरें पढ़ते हैं जो … Read more