इतिहास की प्रमुख घटनाएं और उनकी जानकारी: इस लेख में इतिहास की प्रमुख घटनाओं और उनसे संबंधित समस्त जानकारी दी गई है। इसमें प्राचीन काल की घटनाओं के साथ-साथ महान व्यक्तियों का भी उल्लेख किया गया है, जिन्होंने मानव इतिहास को प्रभावित किया। यदि आपको किसी भी जानकारी पर संदेह हो या कोई प्रश्न हो, तो कृपया कमेंट बॉक्स में हमें अवश्य बताएं।
इतिहास की प्रमुख घटनाएं और उनकी जानकारी एवं महान पुरुषों का उल्लेख
• भारत में आर्यों का आगमन – 1500 ~ 1800 ई.पू.
भारत में आर्यों के आगमन का समय विभिन्न विद्वानों द्वारा भिन्न-भिन्न अनुमानित किया गया है। कुछ ने इसे 2000 ईसा पूर्व बताया है, जबकि कुछ ने 1800 से 1500 ईसा पूर्व के बीच का समय बताया है। कुछ अन्य विद्वानों का कहना है कि आर्य 7000 से 3000 ईसा पूर्व के बीच आए थे। ये लोग नि:स्वार्थ भाव वाले थे और मध्य एशिया से आए थे। कहा जाता है कि आर्यों ने भारत में हिंदू धर्म की नींव रखी। इसलिए भारत का सबसे पहला नाम ‘आर्यावर्त’ है। बाद में, राजा भरत के नाम पर इस देश का नाम ‘भारत’ रखा गया। हालांकि, कई लोगों का यह भी मानना है कि आर्यों का आगमन एक कहानी है।
• प्रथम विश्व युद्ध: 1914 ~ 18 ई.पू.
यह युद्ध 18 जुलाई 1914 को मुख्य रूप से यूरोप में लड़ा गया और बाद में एशिया और अफ्रीका के देशों ने भी इसमें भाग लिया। यह युद्ध 1918 में समाप्त हुआ। यह मुख्य रूप से केंद्रीय शक्तियों (जर्मनी, बुल्गारिया, ऑस्ट्रिया-हंगरी और ओटोमन साम्राज्य) और मित्र देशों (रूस, फ्रांस, इटली, ब्रिटेन, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका) के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध को पुरे इतिहास में महान युद्ध कहा गया हैं।
• द्वितीय विश्व युद्ध: 1939 ~ 1945 ई.पू.
द्वितीय विश्व युद्ध 1 सितंबर 1939 को यूरोप में शुरू हुआ और 1945 में समाप्त हुआ। इसका आरंभ ग्रेट ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के बीच हुआ, जब एडोल्फ हिटलर ने पोलैंड पर आक्रमण किया। धीरे-धीरे यह युद्ध केंद्रीय शक्तियों (जर्मनी, इटली और जापान) और मित्र देशों (ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, सोवियत संघ और संयुक्त राज्य) के बीच में विकसित हो गया। इस युद्ध ने दुनिया के कई हिस्सों में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाए और वैश्विक राजनीति को प्रभावित किया।
• मुस्लिम लीग की स्थापना: 1906 ई.
मुस्लिम लीग प्रतिष्ठापन सन् 1906 मे 30 दिसंबर को बांग्लादेश के ढाका शहर में हुई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य हिंदुओं के अधीन भारतीय मुसलमानों के हितों का प्रतिनिधित्व करना था। मोहम्मद अली जिन्ना को इसके पहले अध्यक्ष के रूप में चुना गया। मुस्लिम लीग ने भारत में मुसलमानों की आवाज को मजबूत किया और राजनीतिक दृष्टिकोण से उन्हें संगठित किया, जिससे वे स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभरे।
• मार्ले मिन्टो सुधार: 1909 ई.
मार्ले-मिंटो सुधार, या भारतीय परिषद अधिनियम 1909, का उद्देश्य भारत में सीमित स्वशासन की स्थापना करना था। इस अधिनियम ने विधान परिषदों का विस्तार किया और विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के लिए प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया। इसके परिणामस्वरूप भारतीय राजनीतिक जागरूकता में वृद्धि हुई और राष्ट्रीयता के प्रति एक नई समझ बनी, जो आगे चलकर स्वतंत्रता संग्राम की ओर ले गई।
• असहयोग आंदोलन: 1920 ~ 22 ईसा. पू.
असहयोग आंदोलन 1 अगस्त 1920 को शुरू हुआ और 12 फरवरी 1922 को समाप्त हुआ। इसकी वास्तविक अवधि सितंबर 1920 से फरवरी 1922 तक मानी जाती है, जब कांग्रेस ने 4 सितंबर को इस आंदोलन का प्रस्ताव पारित किया। महात्मा गांधी के नेतृत्व में इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य भारत को स्वराज दिलाना और ब्रिटिश शासन के खिलाफ जन जागरूकता फैलाना था। गांधीजी ने भारतीयों से ब्रिटिश सरकार के साथ सहयोग करने से इनकार करने की अपील की, जिससे स्वतंत्रता संग्राम को एक नई ऊर्जा मिली।
• गौतम बुद्धा जन्म: 563 ई.पू.
गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में नेपाल के लुंबिनी क्षेत्र में क्षत्रिय राजा शुद्धोधन के घर हुआ था। उनके पिता शाक्य वंश के राजा थे और माता का नाम मायादेवी था। उनका बचपन का नाम सिद्धार्थ था। गौतम बुद्ध की पत्नी का नाम राजकुमारी यशोधरा था, और उनका एक पुत्र, राहुल, था। उन्होंने बिहार राज्य के बोधगया में फिकस वृक्ष के नीचे ध्यान साधना की, जहां उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ। इस वृक्ष को बोधि वृक्ष के नाम से जाना जाता है, और तब से उन्हें गौतम बुद्ध कहा जाता है।
• गौतम बुद्धा महा परिनिर्वाण: 483 ई.पू.
गौतम बुद्ध बौद्ध धर्म के संस्थापक हैं। उनका निधन 80 वर्ष की आयु में 483 ईसा पूर्व भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के कुशीनगर गांव में हुआ, जिसे महापरिनिर्वाण कहा जाता है। “महापरिनिर्वाण” एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ ‘मुक्ति’ है। बौद्ध धर्म के अनुसार, निर्वाण का अर्थ है जीवन चक्र से मुक्त होना, यानी बार-बार जन्म न लेना।
• महावीर का जन्म: 599 ई.पू.
भगवान महावीर का जन्म 599 ईसा पूर्व में बिहार राज्य के कुंडग्राम (कुंडलपुर/क्षत्रिय कुंड) में क्षत्रिय परिवार में हुआ था, न कि 540 ईसा पूर्व में। उनके पिता का नाम राजा सिद्धार्थ और माता का नाम रानी त्रिशला था। उनका बचपन का नाम वर्धमान था। अहिंसा, संयम और तप उनके लिए धर्म के प्रमुख सिद्धांत थे। भगवान महावीर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे और पार्श्वनाथ के भक्त रहे।
• महावीर का निर्वाण: 468 ई.पू.
जैन धर्म के भगवान महावीर, 24वे अहिंसा के मूर्तिमान प्रतीक थे। 72 वर्ष की आयु होने के बाद, भगवान महावीर ने भारत देश के बिहार राज्य के पावापुरी नामक स्थान में मोक्ष प्राप्त किया था। “अहिंसा परमो धर्म:” का उल्लेख कई ग्रंथो मे मिलता है और कई ईसा पूर्व ‘महाभारत’ मे भी प्रयोग किया गया था। लेकिन भगवान महावीर ने अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्धी दिलवाई थी। जैन धर्म का मूलमंत्र ही “अहिंसा परमो धर्म:” है। और भगवान महावीर की मूल शिक्षा ही अहिंसा है।
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नीचे कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न दिए गए हैं जो प्रतियोगी परीक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उसका उत्तर बताएं।
1) पहला विश्व युद्ध कब हुआ था?
2) भारत में आर्यों का आगमन कब हुआ था?
3) दूसरा विश्व युद्ध कब हुआ था?
4) आर्यों के आगमन से आप क्या समझते हैं?
5) भगवान महावीर का जन्म कब हुआ था?
6) असहयोग आंदोलन कब हुआ था?
7) भगवान गौतम बुद्ध का जन्म कब हुआ था?
8) द्वितीय विश्व युद्ध कब खत्म हुआ?
9) असहयोग आंदोलन की शुरुआत किसने की थी?
10) मार्ले मिंटो सुधार कब हुआ था?
11) मुस्लिम लीग की स्थापना किस देश में हुई थी?
12) भगवान महावीर का निर्माण कब हुआ था?
13) असहयोग आंदोलन का क्या उद्देश्य था?
14) मुस्लिम लीग की स्थापना कब की थी?
15) मार्ले मिंटो सुधार क्यों लाया गया?
16) प्रथम विश्व युद्ध कब खत्म हुआ?
17) असहयोग आंदोलन कब खत्म हुआ?
18) मुस्लिम लीग के अध्यक्ष कौन थे?
19) भगवान महावीर का निर्माण कहां हुआ था?
20) भगवान गौतम बुद्ध का महापरिनिर्वाण कहां हुआ था?
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