अतुल सुभाष बेंगलुरु में कार्यरत 34 वर्षीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इंजीनियर थे। उन्होंने 2019 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर की निकिता सिंघानिया से विवाह किया। विवाह के कुछ समय बाद ही उनके वैवाहिक जीवन में तनाव बढ़ने लगा। अतुल का चार साल का बेटा था। वे अपने पेशेवर जीवन में सफल थे, लेकिन घरेलू विवादों के कारण उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हुआ और वे डिप्रेशन में चले गए।
विवाह के बाद शुरू हुई विवाद की कहानी
विवाह के बाद अतुल और उनकी पत्नी निकिता के बीच गंभीर मतभेद पैदा होने लगे। निकिता ने उन पर दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, हत्या का प्रयास और अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाते हुए कुल 9 मामले दर्ज कराए। इन विवादों के कारण अतुल को बेंगलुरु से लेकर जौनपुर तक की अदालतों में बार-बार पेश होना पड़ा। इन विवादों ने उनकी मानसिक और आर्थिक स्थिति को बुरी तरह प्रभावित किया।
आरोप, उत्पीड़न और ससुराल तरफ से भी सताना
निकिता और उसके परिवार ने अतुल और उसके परिवार पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें परेशान किया। इन आरोपों में दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर मुद्दे शामिल थे। लगातार कानूनी लड़ाई और बदनामी ने अतुल को मानसिक तनाव में डाल दिया। सुसाइड नोट में अतुल ने लिखा कि झूठे आरोपों और सामाजिक दबाव ने उसका जीना मुश्किल कर दिया है।
पैसों की मांग करना और ना देने पर केस दर्ज करना
अतुल के सुसाइड नोट में लिखा है कि निकिता और उसके परिवार ने उससे 3 करोड़ रुपए की मांग की थी। इस आर्थिक मांग को पूरा न कर पाने के कारण उसे मानसिक और कानूनी दबाव का सामना करना पड़ा। इस पैसे की मांग पूरी न होने पर ससुराल वालों ने झूठे केस दर्ज करा दिए। अतुल के लिए यह स्थिति असहनीय हो गई और वह गहरे अवसाद में चला गया।
अतुल सुभाष का सुसाइड नोट और वीडियो
अतुल ने आत्महत्या करने से पहले 24 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा और 81 मिनट का वीडियो रिकॉर्ड किया। इसमें उसने अपनी मौत के लिए अपनी पत्नी, सास, साले और पत्नी के चाचा को जिम्मेदार ठहराया। उसने बताया कि झूठे आरोपों और आर्थिक मांगों ने उसके जीवन को असहनीय बना दिया था। इस नोट और वीडियो ने उसके जीवन के संघर्ष और अंतिम निर्णय को साफ तौर पर उजागर किया।
अतुल सुभाष की आत्महत्या
मानसिक और कानूनी प्रताड़ना से परेशान होकर 10 दिसंबर 2024 को अतुल ने बेंगलुरु स्थित अपने घर पर आत्महत्या कर ली। उसकी मौत ने समाज को झकझोर कर रख दिया। उसने अपने सुसाइड नोट और वीडियो में साफ किया कि उसकी पत्नी और ससुराल वालों की हरकतों ने उसे यह कदम उठाने पर मजबूर किया।
पुलिस कार्रवाई और जांच पड़ताल
अतुल की आत्महत्या के बाद बेंगलुरु पुलिस ने उसकी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया और साले अनुराग सिंघानिया को गिरफ्तार कर लिया। उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस ने अतुल के सुसाइड नोट और वीडियो को मुख्य सबूत मानते हुए मामले की गहन जांच शुरू कर दी।
सामाजिक संदेश
यह घटना वैवाहिक विवादों और कानूनी दुरुपयोग के गंभीर परिणामों को उजागर करती है। अतुल सुभाष की आत्महत्या ने पुरुषों के अधिकारों और न्याय प्रणाली की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले ने समाज में मानसिक स्वास्थ्य, वैवाहिक संबंधों की जटिलता और कानूनी सुधार की आवश्यकता पर चर्चा को जन्म दिया है।