डोली चाय वाला? जी हाँ दोस्तों आप सोच रहे होंगे कि डोली चाय वाला कौन है और वह इतना मशहूर क्यों है? जी हाँ दोस्तों अगर कोई भी काम अच्छे से किया जाए तो हर व्यक्ति जीवन में सफलता पा सकता है। चलिए हम भी जानते हैं डोली चाय वाले की कहानी?
डोली की चाय और रोजाना कमाई
डॉली चाय वाला रोजाना 500 से 600 कप चाय बेचते हैं। वह 7 रुपये - 10 रुपये कप चाय बेचता है जिससे उनकी रोजाना की आय 4500 से 5,000 रुपये के बीच होती है। इस हिसाब से वे हर महीने करीब 1.20 लाख से 1.50 लाख रुपये कमा लेते हैं। वह चाय के साथ साथ सिग्रेट भी बेचता है जिससे उनकी कमाई और बड़ी जाती है।
डोली चाय वाले का मशहूर होना
डोली चाय वाला अपनी चाय बनाने और चाय देने के कारण थोड़ा बहुत फेमस था लेकिन हाल ही में डॉली चाय वाला तब और मशहूर हो गया जब माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने उसकी चाय की दुकान पर चाय पी और उसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया। इसके बाद डॉली की प्रसिद्धि और भी बढ़ गई।
सोशल मीडिया और Income
इसके अलावा, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनकी सक्रियता ने उनकी आय को कई गुना बढ़ा दिया है। उन्होंने अपनी चाय की दुकान का प्रचार करते हुए सोशल मीडिया पर विज्ञापनों और प्रचार के ज़रिए लाखों रुपये कमाए हैं। सोशल मीडिया पर उन्हें कई लोग रोस्ट करते है फिर भी वह अपने काम को बुरा न मानते हुए अपने काम को लगातार करते रहता है।
काम के लिए रखे Employees
अब उन्होंने सोशल मीडिया को संभालने के लिए एक कंप्यूटर साइंस इंजीनियर, वाहनों के रख-रखाव के लिए एक मैकेनिकल इंजीनियर और अपने इवेंट को मैनेज करने के लिए कई मैनेजर रखे हैं। तथा सुनने में आया है कि अब वह विदेश में भी एम्पलाई रखकर रोजगार दे रहा है।
डोली चाय वाले की Lifestyle
हालांकि इतनी सफलता और शोहरत के बाद भी वह अपनी सादगी और मेहनत को बरकरार रखते हुए एक सामान्य जीवन जी रहा है। डॉली चाय वाला की जिंदगी इस बात की मिसाल है कि कैसे एक साधारण बिजनेस भी मेहनत, अनोखे अंदाज और सोशल मीडिया की मदद से बड़ी सफलता में बदल सकता है। डोली चाय वाला यह सिखाती है कि यदि किसी कार्य को समर्पण और ईमानदारी से किया जाए, तो सफलता अवश्य मिलती है। और वह अपने सपनो को पुरा कर सकते है।
पड़िये समझिये और जवाब दीजिये: मतलब, अशिक्षित होते हुए भी वह बेरोजगारों को रोजगार दे रहा है। इससे क्या समझा जा सकता है? क्या किसी भी काम को अपनाकर करना चाहिए? क्या भारत की शिक्षा व्यवस्था खराब है, जो शिक्षित लोगों को समर्थन नहीं कर रही? या फिर लोगों की सोच में कमी है? कृपया अपने विचार कमेंट में जरूर साझा करें।