खंडवा का अर्थ है हाथ का कड़ा। बहुत से लोग खंडवा के बारे में नही जानते होंगे। खंडवा मे बहुत सी ऐसी चीजे है जिसे जानकर आप भी खंडवा दर्शन करने के लिए इछुक हो जाओगे। ग्रंथो के अनुसार ऐसा माना जाता है कि यहां भगवान श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण जी अपने वनवास के दौरान वन से गुजरते समय खंडवा में ठहराव किए थे। यहाँ दार्शनिक स्थल और पर्यटन जैसी बहुत सुंदर सुंदर जगहे है। आइये जानते है।
खंडवा जिले के प्रसिद्ध लोग
दादा धोनी जी वाले की समाधि खंडवा स्थल में स्थित है। और ब्रह्मगिर महाराज की समाधि भी खंडवा के पास स्थित है। निमाड़ के कबीर की समाधि मूंदी के पास सिंगाजी में स्थित है। बुखार दास बाबा की समाधि भी हरसुद छनेरा के पास स्थित है। और खंडवा जिले में अशोक कुमार, अनूप कुमार और उनके छोटे भाई किशोर कुमार जैसे प्रसिद्ध अभिनेताओ का जन्म इसी स्थल पर हुआ था।
खंडवा जिले में धार्मिक और पर्यटन स्थल दोनों ही दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण स्थान हैं, जो इसे एक विशेष आकर्षण का केंद्र बनाते हैं। यहां मौजूद प्रमुख स्थानों और मंदिरों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
खंडवा शहर के अंदर
1. दादा धूनी वाले का दरबार
खंडवा का एक अत्यंत प्रसिद्ध और पवित्र धार्मिक स्थल है। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आते हैं। दादा धूनी वाले बाबा को एक सिद्ध संत माना जाता है, और उनके आशीर्वाद से भक्तों की इच्छाएं पूरी होती हैं, ऐसी मान्यता है। विशेष अवसरों और उत्सवों के दौरान यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जाती है, जो इस स्थल की धार्मिक महत्ता को और बढ़ाती है।
2. घंटाघर
एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्त्व वाला स्थल है, जो शहर का प्रमुख आकर्षण भी है। यह खंडवा के मध्य में स्थित है और शहर की पहचान का प्रतीक माना जाता है। घंटाघर का वास्तुशिल्प इसे विशेष बनाता है, और इसकी ऐतिहासिक धरोहर खंडवा के गौरवशाली अतीत को दर्शाती है।
3. तुलजा भवानी माता मंदिर
खंडवा में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो देवी तुलजा भवानी को समर्पित है। देवी तुलजा भवानी को शक्ति और कल्याण का प्रतीक माना जाता है, और उनकी पूजा करने वाले भक्तों की आस्था यहाँ गहरी है।
4. नौचंडी देवी धाम
यह खंडवा का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जो देवी नौचंडी को समर्पित है। यह धाम भक्तों के लिए आस्था और श्रद्धा का केंद्र है। धाम का शांत वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य इसे एक आदर्श तीर्थ स्थल बनाता है, जहां श्रद्धालु आध्यात्मिक शांति और मानसिक सुकून प्राप्त करते हैं। यह खंडवा के धार्मिक पर्यटन में एक विशेष स्थान रखता है।
5. खाटू श्याम बाबा मंदिर
खंडवा में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण आकर्षण है। यहां हर साल हजारों श्रद्धालु बाबा श्याम के दर्शन के लिए आते हैं। इस पवित्र स्थान पर आने वाले लोग बाबा श्याम से आशीर्वाद प्राप्त करने की उम्मीद करते हैं, जो उन्हें आध्यात्मिक शांति और सांत्वना प्रदान करता है।
6. गौरी कुंज
गौरीकुंड एक सुंदर प्राकृतिक स्थल है, जहां पर्यटक शांति और सौंदर्य का अनुभव कर सकते हैं। यह स्थान अपनी हरी-भरी वादियों और स्वच्छ जल के लिए प्रसिद्ध है। यहां लोग पिकनिक मनाने, और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने आते हैं। यह क्षेत्र धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है और स्थानीय लोगों के बीच इसकी विशेष मान्यता है।
7. किशोर शहीद स्मारक
शहीद स्मारक किशोर खंडवा के शहीदों को समर्पित एक महत्वपूर्ण स्थल है। यह स्मारक उन वीर सपूतों की शहादत को सम्मानित करता है जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। यह स्थान श्रद्धांजलि देने का एक प्रमुख केंद्र है और यहां लोग अपने वीर सपूतों को याद करने के लिए आते हैं।
दोनों स्थल खंडवा की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का प्रतिनिधित्व करते हैं और यहां आने वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण अनुभव प्रदान करते हैं।
खंडवा शहर के आसपास
1. नागच्युंन
यह बांध शहर के लोगों के लिए एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल और जल स्रोत है। पहले यहां जाना पूरी तरह से निःशुल्क था, लेकिन अब इसे मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा विकसित किया गया है, जिससे इसे एक संरक्षित और सुव्यवस्थित पर्यटन स्थल बनाया गया है। बांध के चारों ओर की हरियाली और जलाशय की दृश्यावली सुकून प्रदान करती है, जो इसे शहर की भीड़भाड़ से दूर समय बिताने के लिए एक बेहतरीन स्थान बनाती है।
नागचून बांध का शांत वातावरण, हरी-भरी प्राकृतिक सुंदरता और पानी का दृश्य इसे परिवारों, दोस्तों और पर्यटकों के लिए एक आदर्श गंतव्य बनाता है। इस स्थान पर आप ऑटो, बाइक, या कार जैसे स्थानीय साधनों का उपयोग करके आसानी से पहुंच सकते हैं।
2. सैलानी रिजॉर्ट
सैलानी रिज़ॉर्ट खंडवा के पास एक प्रसिद्ध जल-साहसिक पर्यटन स्थल है, जो नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। यह एक द्वीप पर स्थित है और प्राकृतिक सुंदरता, शांति, और जलक्रीड़ा गतिविधियों के लिए जाना जाता है। यहां पर्यटक न केवल प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेते हैं, बल्कि जल-खेल जैसे बोटिंग और अन्य गतिविधियों में भी हिस्सा ले सकते हैं। यहां पर एक रिसॉर्ट और होटल भी है, जहां पर्यटक ठहर सकते हैं। यह जगह धार्मिक और साहसिक पर्यटन दोनों के लिए प्रसिद्ध है, जहां एक तरफ सैलानी बाबा के दर्शन के लिए लोग आते हैं, वहीं दूसरी तरफ पर्यटन गतिविधियों का भी आनंद लिया जा सकता है।
यहाँ सैलानी बाबा के बारे में स्थानीय मान्यताएं हैं कि वे मानसिक या आध्यात्मिक रूप से परेशान लोगों की मदद करते हैं, विशेष रूप से उन लोगों की, जिन्हें "भूत-प्रेत" या नकारात्मक ऊर्जा से ग्रस्त माना जाता है। कई लोग विश्वास करते हैं कि यहां लाने पर ऐसे लोगों को सैलानी बाबा की कृपा से आराम मिलता है।
3. श्री संत सिंगाजी महाराज मंदीर
श्री संत सिंगाजी महाराज मंदिर नर्मदा नदी के किनारे स्थित एक पवित्र और सुंदर स्थान है, जिसे संत सिंगाजी महाराज की समाधि के रूप में जाना जाता है। संत सिंगाजी महाराज एक महान संत थे, जिन्होंने समाज में आध्यात्मिक और सामाजिक सुधार के लिए अपना जीवन समर्पित किया। इस मंदिर में उनकी समाधि स्थित है और यह स्थान उनकी भक्ति और साधना के प्रतीक के रूप में श्रद्धालुओं के बीच बहुत ही लोकप्रिय है। मंदिर का शांत वातावरण, प्राकृतिक सुंदरता, और नर्मदा नदी के किनारे होने के कारण यह स्थान आध्यात्मिकता के साथ-साथ पर्यटन का भी केंद्र है।
यहाँ दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो संत सिंगाजी महाराज की शिक्षाओं और उपदेशों में विश्वास रखते हैं। इस स्थान पर आयोजित होने वाले धार्मिक उत्सव और मेले भी श्रद्धालुओं के बीच बहुत प्रसिद्ध हैं। मंदिर की वास्तुकला और उसके चारों ओर की हरियाली इसे एक शांत और सुंदर स्थान बनाती है, जहाँ आध्यात्मिक शांति और प्रकृति का अद्वितीय संगम देखने को मिलता है।
4. हनुमंतिया ठापु
यह एक खूबसूरत द्वीप है, जो जल पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है। यह नर्मदा नदी पर स्थित है और अपने शांतिपूर्ण वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहां आप नौका विहार, कयाकिंग, और अन्य जल क्रीड़ाओं का आनंद ले सकते हैं। हनुमंतिया टापू पर विश्राम करने और परिवार या दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए भी यह एक आदर्श स्थल है।
इस स्थान का आकर्षण न केवल इसकी प्राकृतिक सुंदरता है, बल्कि यहां की विविध गतिविधियां भी हैं, जो इसे एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बनाती हैं। हनुमंतिया टापू पर समय बिताना एक अद्वितीय अनुभव है, जो प्रकृति प्रेमियों के लिए विशेष रूप से आनंददायक है।
5. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और यह मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में, नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। यह स्थल भगवान शिव को समर्पित है और उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। ओंकारेश्वर का ज्योतिर्लिंग अद्वितीय है, क्योंकि यह ओंकार पर्वत पर स्थित है, जो एक विशेष आकार में है और शिव की ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं, विशेष रूप से महाशिवरात्रि जैसे पावन अवसरों पर।
इस स्थान का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्त्व श्रद्धालुओं के लिए बहुत अधिक है, और यहां का शांत वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य भक्तों को विशेष अनुभव प्रदान करता है। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जो श्रद्धा और आस्था का केंद्र बना हुआ है।
गोविन्द जी की गुफा, जो आदिगुरु शंकराचार्य के गुरु के रूप में जानी जाती है। वह यहाँ पर स्थित है। यहीं पर गौरी शंकर सोमनाथ का मंदिर स्थित है और अन्य छोटे-छोटे मंदिर भी यहां पर स्थित है।
6. इंदिरा सागर बांध ( पुनासा डैम)
इंदिरा सागर बांध, जिसे पुनासा डैम भी कहा जाता है, मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी पर बना एक विशाल जलाशय और बहुउद्देशीय परियोजना है। यह बांध भारत के सबसे बड़े जलाशयों में से एक है और नर्मदा घाटी परियोजना का हिस्सा है। इसे जल विद्युत उत्पादन, सिंचाई और पेयजल आपूर्ति के उद्देश्यों से बनाया गया था।
मुख्य विशेषताएं:
- स्थान: नर्मदा नदी पर, खंडवा जिले के पुनासा के पास।
- ऊंचाई: लगभग 92 मीटर (302 फीट)।
- लंबाई: 653 मीटर (2142 फीट)।
- जल विद्युत उत्पादन क्षमता: 1000 मेगावाट।
- जलाशय की क्षमता: यह बांध भारत का सबसे बड़ा जलाशय है, जिसमें लगभग 12,200 मिलियन घन मीटर पानी संग्रहीत करने की क्षमता है।
पर्यटन और आकर्षण
इंदिरा सागर बांध क्षेत्र में एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुका है। बांध के आसपास का क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है, और यहां का जलाशय शांतिपूर्ण और सुरम्य वातावरण प्रदान करता है। यहां आप बोटिंग और अन्य जलक्रीड़ा गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। यह स्थान उन लोगों के लिए भी आदर्श है जो शांतिपूर्ण वातावरण में समय बिताना चाहते हैं।
7. नर्मदा नदी
मां नर्मदा नदी भारत की एक प्रमुख और पवित्र नदी है, जिसे हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। नर्मदा नदी को "मां नर्मदा" के रूप में श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा जाता है। यह पश्चिम की ओर बहने वाली कुछ गिनी-चुनी नदियों में से एक है और इसकी धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्ता अद्वितीय है।
नर्मदा नदी के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
- उद्गम स्थल: नर्मदा नदी का उद्गम मध्य प्रदेश के अमरकंटक में मैकल पर्वत श्रृंखला से होता है।
- लंबाई: यह लगभग 1,312 किलोमीटर लंबी है और पश्चिम दिशा में बहते हुए गुजरात के भरूच के पास खंभात की खाड़ी में मिलती है।
- राज्य: यह नदी मुख्य रूप से मध्य प्रदेश और गुजरात से होकर बहती है, और महाराष्ट्र की सीमाओं को भी छूती है।
धार्मिक महत्ता
- नर्मदा को गंगा, यमुना और सरस्वती के समान पवित्र माना जाता है, और हिन्दू मान्यता के अनुसार, नर्मदा के जल में स्नान करने से सभी पापों का नाश हो जाता है।
- नर्मदा नदी के किनारे नर्मदा परिक्रमा एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जिसमें श्रद्धालु नदी के उद्गम से लेकर उसके समापन स्थल तक की पूरी यात्रा पैदल करते हैं।
- यह नदी भगवान शिव से भी जुड़ी हुई मानी जाती है, और इसे शिव की पुत्री भी कहा जाता है।
7. ताप्ती नदी
मां ताप्ती नदी भारत की एक प्रमुख नदी है, जिसे हिन्दू धर्म में पवित्र माना जाता है। इसे "तापी" के नाम से भी जाना जाता है। ताप्ती नदी पश्चिम की ओर बहने वाली भारत की कुछ महत्वपूर्ण नदियों में से एक है, और इसका धार्मिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक महत्व है।
ताप्ती नदी के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
- उद्गम स्थल: ताप्ती नदी का उद्गम मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई नामक स्थान से होता है। मुलताई शब्द "मूल-तापी" से बना है, जिसका अर्थ है ताप्ती नदी का मूल स्थान।
- लंबाई: ताप्ती नदी की कुल लंबाई लगभग 724 किलोमीटर है। यह पश्चिम दिशा में बहती हुई अरब सागर में जाकर मिलती है।
- राज्य: ताप्ती नदी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ हिस्सों से होकर बहती है।
- डेल्टा: ताप्ती नदी का संगम अरब सागर के खंभात की खाड़ी में होता है।
धार्मिक महत्ता
- हिन्दू धर्म में ताप्ती नदी को पवित्र और पूजनीय माना जाता है। इसे सूर्य भगवान की पुत्री माना जाता है, जैसे यमुना नदी को सूर्य की दूसरी पुत्री कहा जाता है।
- मान्यता है कि ताप्ती नदी में स्नान करने से पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
खंडवा जिले में उच्च शिक्षा स्थल
खंडवा जिले में शिक्षा के लिए कई प्रतिष्ठित कॉलेज और संस्थान हैं जो विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करते हैं। श्री नीलकंठेश्वर शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय (एसएन कॉलेज) अपनी प्रतिष्ठा के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है, जहाँ स्थानीय और आसपास के जिलों से विद्यार्थी पढ़ने के लिए आते हैं।
अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों में जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान (DIET), भगवंतराव मंडलोई कृषि महाविद्यालय, माखनलाल चतुर्वेदी गवर्नमेंट गर्ल्स कॉलेज, शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI), शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, और शासकीय महात्मा ज्योतिबा फुले स्वशासी पॉलिटेक्निक कॉलेज शामिल हैं। ये सभी कॉलेज विभिन्न क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करते हैं, जिससे जिले में शिक्षा का स्तर ऊंचा बना हुआ है।
दोस्तो, खंडवा में माता चौक की चाय और कचोरी-समोसे वाकई काफी मशहूर हैं। अगर कोई खंडवा आए और ये चीज़ें न आज़माए तो उनकी यात्रा अधूरी रह जाएगी। गर्म चाय के साथ कुरकुरी कचोरी और ताज़े समोसे का आनंद लेना यहां की एक खासियत है।